दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्य सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चीन को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी। रक्षा मंत्री ने भारतीय बलों की वीरता की सराहना करते हुए कहा कि वह एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और मोदी सरकार भारत-चीन सीमा विवाद को सौहार्दपूर्वक हल करना चाहती है। सिंह ने एलएसी के साथ स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने और चीनी सैनिकों को लाभ हासिल करने की अनुमति नहीं देने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा की।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है। हमारे सुरक्षा बलों ने साबित कर दिया है कि वे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने संसद को अवगत कराया कि चीन ने एलएसी के निकट और सीमा के आसपास के क्षेत्रों में भारी बल और हथियार एकत्र किए हैं। हमारी सेना ने भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से जवाबी तैनाती की है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारी निरंतर बातचीत से पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर डिसएंगेजमेंट पर समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद भारत-चीन चरणबद्ध, समन्वित तरीके से आगे की तैनाती को हटा देंगे।
वही रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने बुधवार को दावा किया कि 15 जून, 2020 को पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक सामना के दौरान कम से कम 45 चीनी सैनिक मारे गए। TASS ने भारत-चीन सीमा सैनिकों के विघटन पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि हिंसक झड़प में लगभग 20 भारतीय सैनिकों की भी मौत हो गई। इन घटनाओं के बाद नई दिल्ली और बीजिंग ने इस क्षेत्र में बलों की सांद्रता बढ़ाकर लगभग 50,000 लोगों को कर दी है।